हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया हैं इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله
یا فاطِمَةُ! کُلُّ عَیْنٍ باکِیَهٌ یَوْمَ الْقیامَةِ اِلاّ عَیْنٌ بَکَتْ عَلى مُصابِ الْحُسَینِ فَاِنِّها ضاحِکَةٌ مُسْتَبْشِرَةٌ بِنَعیمِ الْجَنّةِ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल. ने फरमाया:
फातिमा जान! कयामत के दिन हर आंख रो रही होगी मगर वह आंख जो इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की मुसीबत और आज़ा में रोई होगी वह आंख कयामत के दिन मुस्कुरा रही होगी और इसे जन्नत की नेमतों की खुशखबरी दी जाएगी।
बिहारूल अनवार,भाग 44,पेज 293